पहेलियां

रचनाकार – द्रोण साहू

  1. बच्चो,मेरे पास आओ,

    मैं हूँ कौन मुझे बताओ

    मछली,मेंढक मेरे अंदर,

    कमल खिलते कितने सुंदर,

    गाँव भर का आऊँ काम,

    तीन अक्षरों का मेरा नाम

    अब तो मेरा नाम बताओ,

    नहीं पता तो नहाने जाओ

    उत्तर-तालाब

  2. घास खाऊँ हरी-हरी,

    कान मेरे खड़े-खड़े।

    नाम बताओ मेरा तुम,

    और बनो होशियार बड़े

    उत्तर-खरगोश

  3. पंख फैलाकर नाचूँ मैं,

    बादल छाए चारों ओर,

    दो अक्षर का मेरा नाम,

    लोग कहते मुझको.....।

    उत्तर- मोर

    संदीप राजपूत व्दारा प्रेषित संकलनकर्ता – दीपाली साहू (कक्षा पांचवी प्रा.शा. बरगाही)

  4. धूप से वह पैदा होवे

    छांव देख देख मुरझाये

    ए री सखी मैं तुझसे पूछूं

    हवा लगे तो मर जाये

    उत्तलर – पसीना

  5. एक कहानी मैं कहूं

    तू सुन ले मेरे पूत

    बिना परों के वह उड़ गया

    बांध गले में सूत

    उत्त र – पतंग

  6. घूम घमेला लहंगा पहिने

    एक पांव पर रहे खड़ी

    आठ हाथ हैं उस नारी के

    सूरत उसकी लगे परी

    उत्त र – छतरी

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