छत्तीसगढ़ी जनउला

संकलनकर्ता - श्रीमती सुभद्रा जगत

  1. हल्दी के बूक बक, पीतल के लोटा।

    ए धंधा ल नइ जानही, तेला परही सोंटा।।

    उत्तर - बेल

  2. तार ऊपर तार, ओमा रेंगय हवलदार।

    उत्तर - मेंकरा (मकड़ी)

  3. कच्चा खाबे कच कलिंदर, पक्का खाले छाली।

    ए धंधा नइ जानही, तेहा जाहि डूमरपाली।।

    उत्तर - छिंदी फल

  4. चंदा रे चंदा, दूनों पार चंदा।।

    उत्तर - ढोलक

  5. एक साल म आए रे गोपी।

    एक गोड़, एक टोपी।।

    उत्तर - पुटू (कुकुरमुत्ता)

  6. कोकी डरवाए, लाली बलाय।।

    उत्तर - बोइर(बेर)

  7. तरी म मेड़ खुंटा, ऊपर म कोठार ।

    उत्तर - पुरइन पान (कमल का पत्ता)

  8. कारी गाय करौंदा पिला,

    छटके खिला त भागे पिला।।

    उत्तर - बंदूक

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