गणित की गतिविधियां - 1


मित्रों हमने गतिविधि आधारित शिक्षा के महत्व पर चर्चा की है। अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर कक्षा में की जाने वाली गतिविधियों को बनाना प्रारंभ करें। इस संबंध में राज्य शैक्षणिक अनुसंधान परिषद के सुधीर श्रीवास्तव और उनकी टीम ने बहुत मेहनत करके गणित की गतिविधियों के लियेे एक संदर्शिका बनाई है। मैं इस संदर्शिका की गतिविधियों को धारावाहिक के रूप में यहां प्रकाशित कर रहा हूं। आपकी प्रतिक्रियाओं का स्वागत है। आपके पास भी यदि ऐसी कुछ गतिविधियां हैं तो उन्हें अवश्य साझा करें। 


गतिविधि क्रमांक - 1 चम्मच पर कंचा रखकर लाइन पर चलो, कंचा गिरे नहीं




1.यह गतिविधि हम क्यों करें?

  • बच्चे खेल के माध्यम से गणित से जुड़ पाएँगे।
  • हम यह समझ पाएँगे कि बच्चे कहाँ तक की संख्याओं को सही क्रम में बोल पाते हैं।

2. यह गतिविधि हम कैसे करें?

  • कक्षा या मैदान में एक लम्बी लाइन खींचें।
  • चम्मच को मुँह में दबाकर उस पर कंचा रखकर एक बच्चे को लाइन पर चलने को कहें।
  • अन्य बच्चों को गोल घेरे में इस प्रकार खड़ा करें कि गतिविधि सबको दिखाई दे। यदि बच्चे नहीं चल पा रहे हों तो स्वयं करके बताएँ।
  • बच्चे द्वारा चले गए कदमों को हम व अन्य बच्चे गिनें। कुछ समय बाद हम गिनना बन्द कर दें। केवल बच्चे गिनें।
  • प्रत्येक बच्चे के चलने के बाद हम अन्य बच्चों से पूछें कि वह कितने कदम चला।
  • यह गतिविधि सभी बच्चों से बारी-बारी कराएँ।

3. क्या यह भी हो सकता है?

  • सिर पर डंडा रखकर लाइन पर चलने को कहें।
  • सिर पर गिलास रखकर चलने को कहें।
  • इसी प्रकार के अन्य खेल जो आपको उपयुक्त लगें।

4. इस गतिविधि के कुछ फायदे और भी हैं -

  • बच्चों में ‘लाइन‘ की सामान्य समझ विकसित होगी।
  • बच्चों में एकाग्रता आएगी।
  • बच्चे सामूहिक रूप से गिनती बोलना सीखेंगे।
  • बच्चों में किसी लाइन के ‘शुरू’ और ‘अंत’ की सामान्य समझ विकसित होगी।
  • बच्चों के मन से भय दूर होगा।


श्री संजय कुमार देवांगन शा प्रा शाला अमोदा ज़िला जांजगीर का अनुभव


मैं घर से ही यह गतिविधि करने का निश्चय कर स्कूल गया। मैंने अपने साथ एक चम्मच और कुछ कंचे भी रख लिए थे। स्कूल पहुँच कर मैं बच्चों को मैदान में ले आया। वहाँ नीम के पेड़ के नीचे एक लम्बी लाइन खींची। बच्चों को बारी - बारी से चम्मच को मुँह में दबाकर उस पर कंचा रखकर लाइन पर चलने की गतितिधि को कराया। बाद में मैंने इसी गतितिधि को सिर पर डंडा एवं गिलास रखकर भी करवाया।


बच्चे इस गतिविधि को आसानी से कर रहे थे। एक-दो बच्चों को छोड़कर बाकी सब बच्चे लाइन के अंतिम छोर तक पहुंचने में कामयाब रहे। सिर पर डंडा, गिलास रखकर यह गतिविधि करने पर बच्चों को थोड़ी कठिनाई हुई परन्तु कुछ अभ्यास के बाद इसमें भी सफलता प्राप्त हो गई। बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था। मैंने भी उनके साथ बच्चा बनकर इस गतिविधि में भाग लिया। 

Visitor No. : 6701560
Site Developed and Hosted by Alok Shukla