गणित की गतिविधियां-26
शून्य की अवधारणा
- यह गतिविधि हम क्यों करे?
- बच्चे ‘‘एक भी चीज नहीं है’’ को ”शून्य चीज हैं“ के रूप में बता सकेंगे।
- उन्हें शून्य की अवधारण स्पष्ट हो सकेंगी।
- क्या-क्या चाहिए -
- कंचे, चाक, कंकड़, इत्यादि।
- यह गतिविधि हम कैसे करें ?
- बच्चों को समूहों में बाँटकर किसी समूह को कंचे, किसी समूह को चाक के टुकड़े, कंकड़, पत्तियाँ (9 से कम) बाँट दें।
- अब बारी-बारी प्रत्येक समूह को बुलाकर उनसे दी गई वस्तुओं में से एक-एक वस्तु बाक्स में डालने को कहें। पूछते जाएँ कि कितने (कंकड़, कंचे, चाक के टुकड़े बचे) बचे हैं।
- प्रत्येक समूह से ”एक भी नहीं बचे“ इस तरह के उत्तर मिलने पर उन्हें बताएँ कि शून्य कंकड़, शून्य चाँक, शून्य कंचे बचे है।
- इस ‘शून्य’ को जितने बार बच्चों से कहें, उसका संकेत ‘‘0’’ ब्लैक बोर्ड पर बनाते जाएँ।पुस्तक के पन्नों पर भी काम करें - पुस्तक में दो पृष्ठों पर ”गिनो और लिखो“ की गतिविधियाँ दी गई है।
- पहले पृष्ठ पर चित्र के पहले सेट में बच्चों की संख्या चार से कम होते-होते एक तक पहुँचती है।दूसरे सेट में तीन टमाटर कम होते-होते शून्य की स्थिति में पहुँचते हैं।
- यहाँ बच्चों से हमें बातें करनी है - ”एक भी टमाटर नहीं बचा“ याने ”शून्य टमाटर बचे“।
- अलग-अलग वस्तुओं के साथ ”शून्य चीजें बची“ ऐसा बोलने का अभ्यास कराएँ।दूसरे पृष्ठ पर चूजों (मुर्गी के बच्चे) और मछलियों के चित्र हैं। इन्हें गिनने को कहें। बच्चों के जबाब लें। जरुरत पढ़े तो बताएँ - दो चूजे हैं, चार चूजे हैं, शून्य चूजे हैं, तीन चूजे हैं।
- नीचे बने गोलों में क्रमषः 2, 4, 0, 3इसी तरह मछली के चित्रों पर भी बात करें।
- बोर्ड पर और अन्य चित्रों के समूह बनाकर बच्चों को उस पर बात करने को प्रोत्साहित हरें।
- इस गतिविधि के कुछ फायदे और भी हैं -
- संख्याओं के लिखने में शून्य का उपयोग और स्थानीय मान की समझ बहुत जरुरी हैं।
सत्यपाल जायसवाल शास.प्राथ.शाला निमहा वि.खं.-मरवाही, जिला-बिलासपुर का अनुभव - गतिविधि में सभी बच्चों को पर्याप्त समय मिले। शिक्षक को धैर्य रखना चाहिए। सभी बच्चे गतिविधि में भाग लेना चाहते हैं।