पहेलियाँ
बाल पहेलियाँ
रचनाकार- गौरीशंकर वैश्य विनम्र
1. गला-वक्ष को छोड़कर
इस पक्षी का रंग है नीला।
मुड़ी चोंच होती नीचे को
कीट - शिकार में है फुर्तीला।
2. सूखा - सा मेवा होता है
ऊँचे तरु में, फल अति दूर।
मीठा स्वाद, बहुत गुणकारी
खनिज - विटामिन से भरपूर।
3. लंबे - हरे, बेल से लटकें
फाइबर, विटामिन से भरपूर।
कच्चा खाओ, सलाद बनाओ
भोजन से मत रखना दूर।
4. दानों से हैं चावल मिलते
खरीफ फसल होती, लो जान।
पौधा पानी अधिक मांगता
जल्दी करो नाम अनुमान।
5. तालाबों - झीलों में उगता
फल होता है गोल - तिकोना।
कच्चा या उबालकर खाओ
हल्का मीठा, स्वाद सलोना।
6. सफेद रंग का द्रव होता है
इसमें वसा, प्रोटीन, कैसीन।
पी लो या घी - दही बना लो
देता है बल - बुद्धि नवीन।
उत्तर - 1नीलकंठ 2 खजूर 3 खीरा 4 धान 5 सिंघाड़ा 6 दूध
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पहेली
रचनाकार- आभा चंद्रा, सातवीं, स्वामी आत्मानंद शेख गफ्फार अंग्रेजी माध्यम शाला तारबहार बिलासपुर
1) चार कुआं बिन पानी 18 चोर बैठ लिए एक रानी?
2) एक बर्तन में दो अंडा एक गरम एक ठंडा
3) ऐसा कौन सा मिठाई है जो फूल और फल से बनता है?
4) ऐसा क्या है जो मई में है सितंबर में नहीं आग में है पानी में नहीं?
5) हरा आटा लाल पराठा सब सखियों ने मिलकर बाटाँ?
उत्तर -1) कैरम , 2) चाँद, सूरज और आसमान,3) गुलाब जामुन, 4) गर्मी,5) मेहंदी
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विज्ञान पहेलियाँ
रचनाकार- कन्हैया साहू 'अमित'
- ज्ञान खजाना अमित अपार, घर बैठे जानों संसार.
गूगल, याहू इसके दूत, रुके थके बिन काज अकूत.
- कम्प्यूटर का कहते 'ब्रेन', जंक्शन यह होता है 'मेन',
इससे जुड़ते सारे तार, आयत सम दिखता आकार.
- लगते 'बटन' एक सौ चार, टाइपिंग का यह आधार.
आठ उँगलियाँ करती खेल, बिन इसके कम्प्यूटर 'फेल'.
- जीव नहीं पर 'चूहा' नाम, हाथ नहीं पर करता काम.
'कर्सर' को करता 'कंट्रोल', ऊपर घिर्री, नीचे 'खोल'.
- 'ग्लास स्क्रीन' यह है चौकोर, मुख अपना होता इस ओर.
'कीबोर्ड' लिखे जो भी लेख, उसे यहाँ पर तत्पर देख.
- कम्यूटर का जोड़ीदार, करे छपाई बन सहकार.
छापे श्वेत, श्याम, रंगीन, कहो मित्र यह कौन मशीन.
- उँगली सा होता आकार, मिटने-रखने को तैयार.
करता यह 'डेटा स्टोरेज', फाईल, फिल्म, दस्तावेज.
- एक चक्र यह वृत्ताकार, प्रकाशीय किरणें आधार.
भौतिक भंडारण का काम, 'प्लेयर' से ही जुड़ता नाम.
- 'फोटो कॉपी' जैसा काम, रंग, चित्र रखता अभिराम.
देता यह डिजिटल आकार, कम्प्यूटर का साथी सार.
- 'डाटा' को यह करता 'स्टोर', यंत्र गोल, चपटा चौकोर.
चुम्बक लेपन भीतर खास, 'हार्ड' बड़ा इसका अहसास.
1. कम्प्यूटर
2. सी.पी.यू.
3. कीबोर्ड
4. माउस
5. मॉनिटर
6. प्रिंटर
7. पेनड्राइव
8. सी.ड़ी.
9. स्कैनर
10. हार्ड डिस्क
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छत्तीसगढ़ी जनऊला
रचनाकार- कन्हैया साहू 'अमित'
01- पहिली ये पाछू जगदीश, रद्दा खोलय इँखर असीस.
लागँय जइसे जुड़हा छाँव, साधक जपथें हरदम नाँव.
02- हाथी जइसन भारी पेट, खाथे लाडू सूँड़ लपेट.
सबले पहिली येखर नाम, शुरु होथे तब कोनो काम.
03- सार कला हे येखर अंस, सुघर सवारी सादा हंस.
छेड़य वीणा के सुर तान, इँखर कृपा ले जम्मों ज्ञान.
04- एक जघा जम्मों सकलान, बइठे पावन आखर ग्यान.
मंदिर जइसे लागय ठौर, नाँव बता अब करके गौर.
05- धन दोगानी ले झन तोल, येखर कीमत हे अनमोल.
जे पाये ग्यानी बन जाय, नइ पाये ते मुरुख कहाय.
06- ज्ञानी जइसन बोलँय बोल, बात बताथें इन अनमोल.
लइकामन बर हे भगवान, बाँटय एक बरोबर ज्ञान.
07- पेड़ नहीं पर पाना पोठ, बिन मुँहु के करथे ये गोठ.
आखर के भारी भंडार, ज्ञान कला के ये आधार.
08- कोरा-कोरा आरुग कोर, लिखना हे तब करथें सोर.
अंतस के सब भर दे भाव, नइ ते सोज्झे कागज ताव.
09- येखर आगू का तलवार, नान्हें हे येखर आकार.
स्याही सँघरा सुग्घर मेल, आखर उलगय रेलम-पेल.
10- होथे करिया-करिया रंग, उज्जर आखर येखर संग.
होय अधूरा ये बिन चाक, कक्षा भीतर येखर धाक.
1. गुरुदेव
2. गणेश भगवान
3. सरस्वती माता
4. इस्कूल
5. विद्या
6. गुरुजी
7. किताब
8. कापी
9. कलम
10. तख्ता
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शीत ऋतु की पहेलियाँ
रचनाकार- गौरीशंकर वैश्य विनम्र
1 लगे गुनगुनी, छत पर जाऊँ
हाथ न आए, जीभर खाऊँ
मिलती नहीं घरों के अंदर
विटामिन 'डी' का स्रोत है सुंदर
2 गर्मी में न कोई पहने
जाड़े में उसके क्या कहने
पहन लो, ठण्डक नहीं सताए
बुना ऊन का, क्या कहलाए
3 गर्म पेय है, ठण्ड भगाता
पीने को हर कोई दौड़े
चुस्की लेकर पीते, कहते
मिलें साथ में गर्म पकौड़े
4 सर्दी में ही ओढ़ी जाती
सबको मीठी नींद सुलाती
इसमें भरी रुई, गरमाती
पलभर में ही ठण्ड भगाती
5 कड़ी ठण्ड में सेकें हाथ
आसपास मिल बैठें साथ
लकड़ी या कोयला जलाएँ
लोहे की है, कहीं ले जाएँ
6 'टाइम पास' है, मिलजुल खाएँ
झटपट सर्दी दूर भगाएँ
सस्ता मेवा, अति गुणकारी
चिक्की - गजक में भागीदारी
1 धूप 2 स्वेटर 3 चाय 4 रजाई
5 अँगीठी 6 मूँगफली
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बाल पहेलियाँ
रचनाकार- प्रीतम कुमार साहू,शिक्षक,दुर्ग
- ऊंचे लम्बे पेड़ों पर रहता,
फल के अंदर पानी रहता
“ना”से उनका नाम हैं आता
बतलाओ वह क्या कहलाता?
- उछल कूद हर दम करता
पेड़ो की डाली में रहता
“ब”से उनका नाम है आता
बतलाओ वह क्या कहलाता?
- टिक-टिक वह करता रहता
दिन रात वह चलता रहता
“घ” से उनका नाम हैं आता
बतलाओ वह क्या कहलाता?
- रात में जगता दिन में सोता
कभी बड़ा कभी छोटा होता
“चां” से उनका नाम है आता
बतलाओ वह क्या कहलाता?
- पंख नहीं पर उड़ता है वह
आसमान को छूता है वह
“प” से उनका नाम है आता
बतलाओ वह क्या कहलाता?
1. नारियल, 2. बंदर, 3. घड़ी, 4. चांद, 5. पतंग
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