जनउला
-1-
संकलनकर्ता - कु. उमेश्वरी पाल, गड़रियापारा, लाखासर, बिलासपुर
- पानी के तीर-तीर चर बोकरा,
पानी अँटागे मर बोकरा । ( दीया)
- चार चौकड़ी गोल बजार,
सोला रानी तीन यार । (पासा)
- नानचून टूरा,
कूद-कूद के पार बाँधे । (सूई)
- एक सींग के बोकरा
मेरेर-मेरेर नरीयाय,
मुहु डाहन चारा चरे,
पाछु डाहन पघुराय। (जांता)
- काँटे मा कटाय नहीं,
भोंगे मा भोंगाय नहीं। (छइँहा)
-2-
संकलनकर्ता - कु. सुषमा नवापारा कर्रा पाली कोरबा
- एक धारन के चार पटिया
अर्थ- एक स्तंभ पर चार पंक्तियां
उत्तर- सुनसुनिया भाजी या चरपनिया भाजी ( इसके तने के साथ चार पत्ते जुड़े होते हैं)
- धंधा भयी धंधा, दूनो पार चंदा।
अर्थ- काम धंधा में आने वाले सामान जिसके दोनों तरफ चांद बना हो.
उत्तर- मांदर एक वाद्ययंत्र
- एक ठन पेड़ म एक ठन पत्ता
अर्थ- एक पेड़ पर एक ही पत्ता हो
उत्तर- तिरंगा झंडा (एक डंडे में एक झंडा लगाया जाता है)
- अंदर कटोरी बाहर कटोरी
अर्थ- जिसके अंदर बाहर कटोरी नुमा हो
उत्तर- श्रीफल (नारियल जिसमें दो कटोरी जैसी कवच और बीज होता है)
- पेट खलाखल पूंछी गाभिन
अर्थ- पेट खाली और पूंछ भरा हुआ
उत्तर- चींटी ( पेट चपटा और पूंछ मोटा होता है)
- दिन के कपड़ा पहिने, रात के खुल्ला रहय
अर्थ- दिन में कपड़ा पहने हुए और रात को बिना कपड़े का
उत्तर- डांगी, डंगनी (कपड़ा सुखाने का डंडा)
- पांच भाई के एक ठन अंगना
अर्थ- पांच भाई का एक आंगन
उत्तर- हाथ (अंगुली पांच भाई और हथेली एक आंगन)
-3-
संकलन कर्ता - कु गरिमा सोरी, बोरिया मोकासा मानपुर
- अत्थर चाटे,पत्थर चाटे
चाटे बन के घास,
दुइक दुआ, छुइक छुआ
होवै नहीं बात
उत्तर - नाई
- करिया हे पर कौआ नहीं,
लम्बा हे पर सांप नहीं
तेल चढ़थे पर हनुमान नहीं
फूल चढ़ते पर भगवान नहीं
उत्तर - बाल
- न गोड़ न हाथ, मुँह न दांत
चाकर काया ले करे बात
उत्तर - अखबार
- एक चिरई के सात रंग
खोंधरा म जाही त एके रंग
उत्तर - पान
- बिन मुड़ के छेरी, बिन मुड़ के गाय
बिन गोड़ के राउत, खार खार कूदाय
उत्तर – केकड़ा