कहानी
काली बिल्ली
लेखिका - श्वेता सोनी
एक बार की बात है एक घर में दो बिल्लियां थीं.एक बिल्ली सफेद और दूसरी काली.काली बिल्ली को देखकर सफेद बिल्ली अक्सर सोचती थी कि मेरा रंग काला क्यों नहीं है.एक दिन वह परेशान सी इधर-उधर घूम रही थी.उसने देखा टेबल पर जामुन रखे हुए हैं उसके मन में एक विचार आया.उसने एक-एक कर सारे जामुन खा लिए.
उसे एक बात अब समझ में आने लगी थी.वह जो भी चीज खा रही है उसी के रंग की हो जा रही है.उसने सोचा इसे जांचा जाए. उसने लाल अनार खाया उसका रंग लाल हो गया .
वह मूछों ही मूछों में मुस्कराई.उसे समझ में आ गया था कि उसे क्या करना चाहिए.उसने काले रंग के अंगूर खाए और अंगूर का जूस भी पी लिया.उसने देखा वह काली बिल्ली बन गई थी.वह खुशी से झूम उठी.
अरे!! यह क्या हुआ? वह तो जामुनी रंग की हो गई थी. इसके बाद उसने संतरा खाया फिर अपने शरीर की तरफ देखा.वह संतरे के रंग की हो गई थी.इसके बाद वह केले के पास गई.उसने केला खाया और अपने शरीर को देखा वह फिर से सफेद रंग की हो गई थी.
तीन मित्र
लेखक - दीपक कंवर
घने जंगल के बीच एक तालाब था . उसके आसपास कछुआ, खरगोश और हिरण तीन मित्र रहते थे . तीनों अपना जीवन हंसी खुशी व्यतीत कर रहे थे.
कुछ दिन बाद एक शिकारी उस जंगल में आने लगा . वह आए दिन जंगल के छोटे-छोटे पशु पक्षियों को शिकार कर ले जाता था . तीनों मित्रों को भी अब चिंता होने लगी . एक दिन तीनों मित्र तालाब के किनारे बैठकर इस पर चर्चा कर रहे थे कि कैसे इस शिकारी से बचा जाए .
तीनों ने सलाह मशविरा कर एक योजना बनाई. अगले कुछ दिन बाद शिकारी जंगल आया तभी उसको एक हिरण दिखाई दिया. वह हिरण का पीछा करने लगा. हिरण भागते-भागते तालाब के पास आकर झुरमुट के बीच जाकर छुप गया. उसका कहीं अता-पता न चला. शिकारी थका मांदा तालाब के किनारे पेड़ पर के नीचे आराम करने लगा. आराम करते हुए वह पानी पीने के लिए तालाब की ओर नजर दौड़ाई, उसे एक खरगोश पानी में डूबता हुआ नजर आया. शिकारी ने सोचा चलो आज डूबते खरगोश को पकड़ कर ले जाता हूँ. तालाब के किनारे आकर खरगोश को पकड़ने गया पर खरगोश उसके पहुंच से दूर था .
वह तालाब के थोड़ा और अंदर आया . खरगोश कछुआ के पीठ पर बैठा था . जैसे ही शिकारी पकड़ने के लिए आगे आता खरगोश को इशारा कर आगे बढ़ा देता था. इस तरह धीरे-धीरे खरगोश और कछुआ दोनों शिकारी को दलदल तक ले आए और वह शिकारी उसमें फंस कर डूब गया. इस तरह तीनों मित्रों ने जंगल से इस शिकारी के आतंक को दूर किया. अब सभी पशु पक्षी हंसी-खुशी जिंदगी बिताने लगे .