चित्र देख कर कहानी लिखो

पिछले अंक में हमने आपको यह चित्र देख कर कहानी लिखने दी थी –

हमें जो कहानियाँ प्राप्त हुई हम नीचे प्रदर्शित कर रहे हैं

यशवंत कुमार चौधरी द्वारा भेजी गई कहानी

एक बार की बात है, जंगल में एक हाथी रहता था. उसकी जंगल के राजा शेर प्रति गहरी आस्था थी. वह कभी बड़े- छोटे का भेद नहीं करता था,किसी भी विपदा के समय वह जानवरों की मदद करता था'इसलिए उसे सब अप्पू दादा कहकर पुकारते थे. जब भी कोई जंगल में पेड़ काटने आता चूहे तुरंत अप्पू दादा के कान में बात डाल देते और चूहों के साथ अप्पू दादा मोर्चा संभालने आ जाते और जंगल की सुरक्षा करते. जंगल की हरियाली बचाने –जानवरों को स्वच्छंद विचरण हेतु वातावरण निर्माण –सुरक्षा देने में अप्पू दादा का योगदान हमेशा रहता था. अप्पू दादा सबके चहेते थे. अप्पू को दो चूहे कालू और शालू खूब पसंद थे. एक बार जब शिकारियों ने अप्पू को जाल में फँसा लिया था तब इन्हीं दोनों चूहों ने जाल कुतर कर अप्पू को छुडाया था तभी से इनकी गहरी दोस्ती है. अप्पू दादा की वजह से ही उस जंगल में लोगों का आना जाना कम था जिससे विनाश नही हो रहा था. काश अप्पू जैसे सुरक्षा करने वाले हर जंगल में रहते तो आज परिस्थितियाँ कुछ और ही होतीं. अप्पू अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन निष्ठापूर्वक करता है और मस्त रहता है. जंगल में जानवरों के परिवार में अप्पू बरगद के पेड़ की तरह है. अप्पू सबको साथ लेकर चलने वाला बुद्धिमान जानवर है.

संतोष कुमार कौशिक द्वारा भेजी गई कहानी

हाथी मेरे साथी

एक जंगल में हाथी और बंदर रहता था. दोनों में गहरी मित्रता थी. दोनों एक साथ मजे से जंगल में घूमते और खेलते थे. उन दोनों भोजन की तलाश में घने जंगल में जाकर बड़े-बड़े वृक्ष पर बंदर चढ़ता था और फल को तोड़कर नीचे गिराता था. जिसे उसके दोस्त हाथी इकट्ठा करता था. फिर साथ दोनों खुशी से मिलकर खाते थे. इस तरह दोनों की जिंदगी हंसी खुशी से व्यतीत हो रही थी.

हाथी और बंदर की मित्रता को देखकर लोमड़ी को ईर्ष्या होने लगी. वह मन ही मन विचार कर रही थी, क्यों ना इसकी दोस्ती को अलग कराया जाय. अचानक तभी शिकारी अपने जाल में लोमड़ी को फंसा लेता है. लोमड़ी जाल में फंसे हुए मन ही मन जाल से निकलने और हाथी को फंसाने का उपाय सोच कर शिकारी को कहती है-शिकारी भैया मुझे जाल में फंसा कर क्या मिलेगा. मैं आपको ऐसा उपाय बताऊंगी, जिसका शिकार करके जिंदगी भर दूसरा शिकार करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी. लोमड़ी के बातों को सुनकर शिकारी सोच में पड़ जाता है. वह पूछता है-वह कौन सा उपाय है. लोमड़ी कहती है-' पास के ही जंगल में एक हाथी रहता है उसे आप जाल में फंसा कर बाजार में ले जाइए.सरकस वाला हाथी का मुंह मांगा इनाम देगा.' लोभी शिकारी को लोमड़ी का उपाय पसंद आता हैऔर लोमड़ी को छोड़ देता है.

लोमड़ी के बताए अनुसार शिकारी हाथी को फंसाने जाल फैलाकर दूर बैठ जाता है. इधर हाथी के पीठ पर बंदर सवार होकर मस्ती करते हुए जंगल में घूम रहे थे. तभी अचानक हाथी जाल में फंस जाता है उसको देख कर बंदर हाथी के पीठ से छलांग मार कर पेड़ पर चढ़ जाता है. हाथी बेचारा जाल में फंस जाता है. हाथी अपने दोस्त बंदर से कहता है- शिकारी के आने के पहले कुछ ऐसा उपाय करो कि मैं जाल से निकल जाऊं, नहीं तो यह शिकारी मुझे बाहर लेकर बेच देगा और हम दोनों मित्रअलग-अलग हो जाएंगे. बंदर कहता है-'नहीं 'हाथी मेरे दोस्त' जब तक मैं जिंदा हूं आपको मेरे से अलग कोई नहीं कर सकता.मैंअपने साथी बंदर एवं चूहा को बुलाकर जाल से छुड़ाने का उपाय करता हूं.'तभी बंदर अपने साथी बंदर एवं चूहा के साथ हाथी के पास पहुंचकर जाल को चूहा की सहायता से काटकर हाथी को निकाल लेता है. हाथी एवं उसके साथी सभी घने वृक्ष में छुपकर शिकारी का इंतजार करते हैं. कुछ क्षण पश्चात शिकारी और लोमड़ी जाल में हाथी फंस गया होगा, ऐसा सोचकर देखने के लिए आता है. बंदर और हाथी समझ जाता है कि यह सब लोमड़ी का ही चलाकी है. हाथी एवं सभी जानवर एक साथ मिलकर शिकारी एवं लोमड़ी पर हमला कर देते है और दोनों मारा जातेहै. साथी जानवर हाथी के पीठ पर बैठकर हाथी मेरा साथी--गाना गाते हुए मौज मस्ती करते हैं और सभी साथ मिलकर खुशी से जीवन व्यतीत करते हैं.

अगले अंक की कहानी हेतु चित्र

अब आप दिए गये चित्र को देखकर कल्पना कीजिए और कहानी लिख कर हमें यूनिकोड फॉण्ट में टंकित कर ई मेल kilolmagazine@gmail.com पर अगले माह की 15 तारीख तक भेज दें. आपके द्वारा भेजी गयी कहानियों को हम किलोल के अगल अंक में प्रकाशित करेंगे

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