पहेलियाँ
बाल पहेलियाँ
रचनाकार- डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
- साफ करो हाथों को मुझसे,
कोरोना को दूर भगाओ.
साबुन मुझको समझ न लेना,
प्यारे बच्चों नाम बताओ..
- तीन अक्षर का मेरा नाम,
करूँ मैं सबका काम तमाम.
दुनियाँ मुझसे कांप जाए,
कोई मेरा नाम बताए..
- हाथों में तुम पहन के मुझको,
कोरोना को दूर भगाओ.
मेडिकल में पाया जाऊँ,
बच्चों मेरा नाम बताओ.
- कोरोना से बचना है तो,
मुँह में पहन के मुझको आओ.
वायरस को मैं रोके रखता,
झट से मेरा नाम बताओ.
- आँखों में वायरस न जाने देता,
ऐसी हूँ मैं चीज निराली.
दुनियाँ सारी मुझको पहने,
नव्या, दिव्या भोली-भाली..
- तीन अक्षर का मेरा नाम,
कीटाणु भगाना मेरा काम.
प्रथम हटे तो बुन जाऊं,
प्यारे बच्चों क्या कहलाऊँ..
उत्तर 1-सेनेटाइजर 2-कोरोना 3-सर्जिकल दस्ताने
4-मास्क 5-फेस मास्क 6-साबुन
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हमें बताओ
रचनाकार- कन्हैया साहू 'अमित'
- कौन बदलता दुनिया का मौसम.
कौन बजाता चढ़ बादल धम-धम.
कौन गिराता पानी को झम-झम..
हमें बताओ....
- कौन बताता फूलों को खिलना.
कौन सिखाता पंछी को उड़ना.
कौन बोलता सूरज नित उगना..
हमें बताओ...
- कौन बीज को पौधा ही करता.
कौन पेट हाथी चींटी का भरता.
कौन समुन्दर से यह जल हरता..
हमें बताओ.....
- कौन हवा, जल को कहता बहना.
कौन जुगनुओं से कहता जलना.
कौन कहे वृक्षों से फल फलना.
हमें बताओ........
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पहेली (छाता)
रचनाकार- मिनेश कुमार साहू
सोलह, बारह, आठ कड़ी है.
लंबी डंडी एक छड़ी है..
तनी है चादर जिसके ऊपर.
पड़ने ना दे पानी हम पर..
धूप वर्षा में आता काम.
बतादो भइया इसका नाम..
दादा जी जब बाजार जाते.
कंधे पर अपने लटकाते..
रंग बिरंगा मन को भाता.
छा से जिसका नाम आता..
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