पहेलियाँ
विज्ञान बाल पहेलियाँ
रचनाकार- डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
- मुखिया हूँ मैं सभी ग्रहों का,
मुझको कहते हैं इक तारा.
मुझसे ही जीवन संम्भव है
करता हूँ रोशन जग सारा.
- जिसके आँगन जीवन संभव,
जिसको नील ग्रह सब माने.
जो सूरज के आगे-पीछे घूमें,
नाम बताओ तो हम माने.
- मेरा कोई रंग नहीं है,
मुझमें कोई गंध नहीं है.
दो अक्षर का मेरा नाम,
प्यास बुझाना मेरा काम.
1. सूरज, 2. पृथ्वी, 3. पानी
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