चित्र देख कर कहानी लिखो

पिछले अंक में हमने आपको यह चित्र देख कर कहानी लिखने दी थी –

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हमें जो कहानियाँ प्राप्त हुई हम नीचे प्रदर्शित कर रहे हैं

संतोष कुमार कौशिक द्वारा भेजी गई कहानी

उत्तम क्षमा धर्म

तालाब के किनारे श्यामू का खेत था. जिसमें वह विभिन्न प्रकार की फसल एवं फलों की खेती करता था. श्यामू मन लगाकर खेती का कार्य करता था. जिसकी वजह से उसे आमदनी अच्छी होती थी, लेकिन कुछ दिनों से उसकी फसल को एक बंदर और लोमड़ी नुकसान पहुँचा रहे थे. जब भी श्यामू अपनी फसल को देखने आता, उसे देख कर लोमड़ी, बंदर को संकेत दे देता और बंदर पेड़ों पर चढ़कर धमा-चौकड़ी मचाते हुए फलों को तोड़ कर इधर-उधर फेंकता. किसान यह सब देखकर चिंतित था. उसने विचार किया कि जब तक ये दोनों यहाँ रहेगे तब तक मेरी फसल को नुकसान पहुँचता रहेगा. इसलिए इन दोनों को भगाने का कोई उपाय करना पड़ेगा.

अगले दिन श्यामू ने सुबह खेत में पहुँचकर पेड़ एवं उसके आसपास जाल फैलाया और उस जाल को पत्तियों से ढँक दिया. कुछ घंटों पश्चात श्यामू अपने खेत के पास पहुँचने वाला ही था कि रोज की तरह लोमड़ी ने बंदर को किसान के आने का संकेत दे दिया. बंदर उछल कूद करते हुए फलों का नुकसान करने लगा. इधर लोमड़ी ने भी बंदर की उछल कूद देख, पेड़ का चक्कर लगाना शुरू कर दिया. कुछ क्षण पश्चात बंदर जाल में फँस गया. वह लोमड़ी से कहने लगा- दोस्त,मैं जाल में फँस गया हूँ, मुझे निकालो. लोमड़ी को पता भी नहीं था कि वह भी जाल में फँस गया है. दोनों जाल से निकलने की भरपूर कोशिश करते रहे लेकिन निकलने की बजाय और बुरी तरह जाल में फँस गए. श्यामू वहाँ पहुँचा और बंदर और लोमड़ी की हालत देखकर उनसे कहा- जिस प्रकार तुम लोगों ने मेरी फसल का नुकसान किया है उसी का फल तुम्हें मिला है. अब तुम इस जाल से नहीं निकल पाओगे और यही भूखे प्यासे मरोगे. बंदर और लोमड़ी किसान की बातों को सुनकर कहने लगे-किसान भैया! हमें छोड़ दो, अब हम कभी आपकी फसल का नुकसान नहीं करेंगे. हम अपने किए कार्य पर बहुत शर्मिंदा हैं. फसल के नुकसान के बदले आपकी फसल की हम दोनों रखवाली करेंगे.हम पर विश्वास करो और हमें क्षमा कर दो.

दोनों की बातों को सुनकर श्यामू मन ही मन सोचने लगा-किसी को मारने की अपेक्षा क्षमा करना अच्छा है. श्यामू को उन दोनों पर दया आ गई और उसने उन्हें क्षमा कर दिया. भविष्य में किसी की फसल का नुकसान न करने की सलाह देते हुए उन दोनों को जाल से मुक्त कर दिया. दोनों ने जाल से मुक्त होकर किसान को धन्यवाद दिया. पश्चाताप के तौर पर बंदर और लोमड़ी, श्यामू के फसल की रखवाली करने लगे और तीनों में अच्छी मित्रता हो गई. वे सभी खुशी से अपना जीवन यापन करने लगे.

अगले अंक की कहानी हेतु चित्र

Dec-Chitra

अब आप दिए गये चित्र को देखकर कल्पना कीजिए और कहानी लिख कर हमें यूनिकोड फॉण्ट में टंकित कर ई मेल kilolmagazine@gmail.com पर अगले माह की 15 तारीख तक भेज दें. आपके द्वारा भेजी गयी कहानियों को हम किलोल के अगले अंक में प्रकाशित करेंगे

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