अधूरी कहानी पूरी करो

पिछले अंक में हमने आपको यह अधूरी कहानी पूरी करने के लिये दी थी–

रोहन का टॉमी

JanAK

आखिर वही हुआ जिसका रोहन को डर था. बात यह थी कि रोहन की बहुत दिनों से कुत्ते का एक पिल्ला पालने की इच्छा थी, पर उसके पापा इसके लिए तैयार नहीं थे.

पापा को किसी भी तरह का जानवर पालने से चिढ़ थी. रोहन अपने खाली समय में साथ खेलने के लिए एक पिल्ला पालना चाहता था. हुआ यह कि एक दिन स्कूल से घर आते समय रास्ते में रोहन को एक छोटा सा पिल्ला मिल गया. प्यारा छोटा सा पिल्ला देखकर रोहन उसके साथ खेलने लगा और फिर वह पिल्ला रोहन के साथ-साथ घर तक आ गया.

रोहन ने पापा की नजरों से बचाने के लिए पिल्ले को छिपाकर रख लिया, उसने पिल्ले का नाम टॉमी रख दिया था. पर मम्मी से वह टॉमी को छिपा नहीं पाया.

मम्मी ने रोहन की इच्छा जानकर उसे कुछ नहीं कहा और टॉमी को घर में रखने की बात मान ली. पर अब दोनों की चिन्ता यह थी कि पापा को टॉमी के बारे में कैसे बताएँ और उन्हें कैसे मनाएँ.

एक सप्ताह का समय बीत गया. पापा को टॉमी के बारे में पता नहीं चला. पर रविवार को पापा के ऑफिस की भी छुट्टी थी और वे घर पर ही थे. पापा ने रोहन को टॉमी के साथ खेलते देख लिया और उनका मूड बिगड़ गया.

सोमवार को सुबह ऑफिस जाने के पहले पापा, मम्मी से कुछ बात कर रहे थे. रोहन को लगा कि पापा शायद टॉमी को घर से निकालने की बात कह रहे होंगे. रोहन ने छिपकर सुनने की कोशिश की लेकिन वह पूरी बात समझ नहीं सका. पर उसे लगा कि पापा नाराज हो रहे थे और मम्मी उन्हें समझाने की कोशिश कर रही थीं.

इस कहानी को पूरी कर हमें जो कहानियाँ प्राप्त हुई उन्हें हम प्रदर्शित कर रहे हैं.

संतोष कुमार कौशिक द्वारा पूरी की गई कहानी

रोहन के पापा ऑफिस चले गए. मम्मी ने रोहन को बुलाकर समझाया कि बेटा, तुम्हारे पापा टॉमी की वजह से नाराज हैं, वह नहीं चाहते कि टॉमी हमारे घर में रहे. रोहन ने कहा- ठीक है मम्मी, टॉमी को रखने के लिए पापा तैयार नहीं हैं तो मैं उसे जहाँ से लाया हूँ कल वहीं छोड़ दूंगा. पर मैं आज के लिए टॉमी को रखना चाहता हूँ और उसके साथ खेलना चाहता हूँ.

मम्मी बोलीं कि ठीक है बेटा, तुम्हारे पापा को मैं समझा दूंगी. लेकिन कल तुम्हें टॉमी को छोड़ना ही होगा.

पापा शाम को घर आए तो रोहन को टॉमी के साथ खेलता देखकर नाराज हो गए. रोहन की मम्मी ने उन्हें समझा दिया कि आज रोहन को खेलने दीजिए. कल वह उसे जहाँ से लाया है वहीं छोड़ देगा.

रात्रि का भोजन करने के पश्चात सभी सोने चले गए. मध्यरात्रि को अचानक टॉमी जोर-जोर से भौंकने लगा. उसकी आवाज सुनकर सभी की नींद खुल गई.

जाकर देखा तो कोई व्यक्ति रोहन को उठाकर घर से बाहर की ओर जा रहा था. दौड़कर उसका पीछा किया तो रोहन को छोड़कर वह व्यक्ति भाग गया.

घर वाले समझ गए कि यह एक बच्चा चोर है जो रोहन को ले जा रहा था. पापा ने रोहन को गले लगा लिया और बोले -बेटा टॉमी के वजह से आज तुम सुरक्षित बच गए. आज टॉमी नहीं होता तो न जाने क्या हो जाता? अब हम टॉमी को घर में ही रखेंगे. बाहर छोड़ने की जरूरत नहीं है. उसने हमारे रोहन की रक्षा की है इसलिए वह हमारे परिवार के सदस्य की तरह घर में ही रहेगा. पापा की बात सुनकर रोहन खुश हो गया. टॉमी के पास जाकर उसे गले लगाते हुए थैंक्यू टॉमी कहा. टॉमी के प्रति रोहन का प्यार देख कर सब खुश हो गए.

योगेश्वरी तंबोली द्वारा पूरी की गई कहानी

रोहन को लगा कि पापा टॉमी को घर पर रखने के लिए तैयार नहीं हैं. यह सोचकर रोहन स्कूल जाते समय टॉमी को साथ लेकर चला गया और जहाँ से उसे लेकर लाया था उसे वहीं छोड़ दिया.

जब वह स्कूल से वापस आया तो उसका मुँह लटका हुआ था और वह बहुत उदास था.

माँ ने पूछा क्या हुआ रोहन, तुम्हारा टॉमी कहाँ है?

रोहन माँ से लिपटकर रोने लगा और कहा- मैंने उसे सड़क पर छोड़ दिया है तब माँ ने बताया देखो मैंने एवं तुम्हारे पापा ने मिलकर तुम्हारे टॉमी के लिए यह डॉग हाउस बनवाया है जहाँ कई छोटे-छोटे पिल्लों को रख सकते हैं. रोहन को यह सुनकर भी विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब माँ रोहन को डॉग हाउस के पास ले गई तो रोहन का टॉमी उस डॉग हाउस में उछल कूद कर रहा था. यह देखकर रोहन बहुत खुश हो गया और खुशी खुशी टॉमी के साथ खेलने लगा तभी वहाँ पापा भी आ गए और वे रोहन को समझाने लगे कि सभी का एक घर होता है जहाँ पर वह अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं इसलिए मैंने तुम्हारे टॉमी के लिए यह डॉग हाउस बनवाया है. यहाँ आकर तुम इसके साथ खेल सकते हो यह सुनकर रोहन ने अपने मम्मी पापा को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया.

मनोज कुमार पाटनवार द्वारा पूरी की गई कहानी

मम्मी के समझाने से पापा नहीं माने और अपनी योजना के मुताबिक रात में रोहन के सोने का इंतजार करने लगे. जैसे ही रात 9:00 बजे रोहन नींद में चूर होकर सोने लगा, तभी पापा टॉमी को लेकर चौराहे पर छोड़ आये तथा दरवाजा बंद कर दिया. किंतु टॉमी फिर भी रात में आकर दरवाजे के बाहर कोने में बैठा रहा. उसी रात दो चोर, चोरी करने के मकसद से रोहन के घर की खिड़की तोड़ रहे थे, तभी टॉमी जोर-जोर से भौंकने लगा और लगातार भौंकते रहा, जिससे रोहन के पापा-मम्मी दोनों भौंकने की आवाज़ सुनकर उठ गए और चोर पकड़े गए.

रोहन के पापा, टॉमी से बहुत खुश हुए. उसके भौंकने की वजह से ही घर में चोरी होने से बच गया और पापा टॉमी को घर के अंदर ले आए.रोहन को कुछ पता ही नहीं चला.सुबह टॉमी को रोहन के साथ पापा भी खूब प्यार करने लगे.

इस तरह सभी खुशी-खुशी रहने लगे.

खुशी नैनवानी द्वारा पूरी की गई कहानी

रोहन को लगा कि पापा टॉमी को घर में देखकर नाराज हो रहे हैं और मम्मी उन्हें समझा रही है. लेकिन बात कुछ अलग ही थी. पापा ने जब रोहन को टॉमी के साथ खेलते देखा तो उन्हें जानवरों के प्रति सहानुभूति, लगाव का भाव रोहन में नजर आया जो कि इस उम्र में होना रोहन के व्यक्तित्व को आगे जाकर निखारेगा एंव रोहन में प्रत्येक व्यक्ति, जानवरों के लिए सहानुभूति एंव सौहाद्रताका गुण उत्पन्न करेगा. रोहन के पापा ने मम्मी को समझाया कि टॉमी के साफ-सफाई का ध्यान रखा जाए.एक सही जगह पर उसे रखा जाए एवं वेटरनरी डॉक्टर से उसका टीकाकरण कराया जाए. ताकि रोहन एवं परिवार के अन्य सदस्य भी सुरक्षित रहे.

यह बातें सुनकर मम्मी भी बहुत खुश हुई और जब रोहन को बताया, तो रोहन भी बहुत खुश हुआ और उन्होंने तुरंत वेटरनरी डॉक्टर से जाकर उसका टीकाकरण कराया एवं उसके साफ-सफाई का ध्यान रखने का वादा किया. अब रोहन बहुत खुश था कि उसे टॉमी मिल गया था.

अगले अंक के लिए अधूरी कहानी

घायल बछड़ा

FebAK

आज चित्रा जब सुबह-सुबह घर के दरवाजे पर आई तो वहाँ घायल पड़े बछड़े को देखकर बहुत दुखी हुई.

चित्रा एक आठ वर्षीय लड़की है. प्रतिदिन यह छोटा बछड़ा अपनी माँ के साथ चित्रा के घर आया करता था. चित्रा की माँ गाय को रोटी देतीं और चित्रा के हाथों से बछड़े को रोटी दिलवाती थीं. चित्रा पहले तो बछड़े के पास आने से डरा करती, पर धीरे-धीरे उसका डर समाप्त हो गया. अब वह उस बछड़े से बहुत हिलमिल गई थी और उसके साथ खेला करती थी.

लेकिन आज सुबह जब चित्रा ने बाहर आकर देखा तो दरवाजे के पास ही बछड़ा अकेला घायल पड़ा था, उसके पैरों में चोट लगी थी और उसके चेहरे से ही लग रहा था कि वह बहुत दर्द का अनुभव कर रहा था.

बछड़े का कष्ट देखकर चित्रा बहुत दुखी हुई, उसकी आँखों में आँसू आ गए और वहीं से पुकारकर उसने अपनी माँ को बुला लिया. चित्रा माँ से कहने लगी कि घायल बछड़े को जल्दी से डाक्टर के पास ले चलो, उसे बहुत दर्द हो रहा है.

इसके आगे क्या हुआ होगा? आप अपनी कल्पना से इस कहानी को पूरा कीजिए और इस माह की पंद्रह तारीख तक हमें kilolmagazine@gmail.com पर भेज दीजिए.

चुनी गई कहानी हम किलोल के अगले अंक में प्रकाशित करेंगे.

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