उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

कर्मठ शिक्षिका उषा पांडेय

उषा पांडेय, शिक्षिका एल.बी. पूर्व माध्यमिक शाला रूआबांधा में पदस्थ हैं. उनकी पहली नियुक्ति शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल बेरला में वर्ष 2006 में गणित शिक्षक के रूप में हुई थी. प्रारंभ से उनकी रुचि अध्यन और अध्यापन में रही है. यह शाला श्रमिक बहुल क्षेत्र में स्थित है. उषा जी ने विषम परिस्थिति में भी यहाँ के बच्चो से घुल-मिल कर उन्‍हें पढ़ाई की ओर आकृष्ट किया. वर्ष 2009 से अब तक उनकी शाला से कुल 27 बच्चे NMMSE में चयनित हुये हैं. पिछले साल उनके मार्गदर्शन में यहां से 9 बच्चों का चयन हुआ. इसके अतरिक्त इंस्पायर अवार्ड में अब तक 06 बच्चे चयनित हुये. खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी उनके स्‍कूल के बच्चे संकुल से जिला स्‍तर तक विजय प्राप्त करते रहे हैं. बच्चो की नियमित उपस्थिति पर भी वे लगातार ध्यान देती हैं. पालकों से व्यक्तिगत संपर्क करके शाला में नियमित उपस्थिति देने का अनुरोध करती हैं, जिससे बहुत सारे बच्चे नियमित अपनी उपस्थिति दे रहे हैं. उन्‍हें सभी स्‍तरों पर अनेक पुरस्कार भी प्राप्त हुये हैं.

उषा पांडेय शाला की सभी गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता करती हैं. शाला सुरक्षा, नवा जतन आदि योजनाओं में वे मास्टर्स ट्रेनर हैं. शाला स्तर पर पत्रिका उडान का प्रकाशन करती हैं. एफ.एल.एन. में विकासखंड में उनके व्दारा निर्मित 3 TLM को स्थान मिला है. राज्य खिलौना बुक में उनके व्दारा बनायी गयी आकृति चक्र को स्थान मिला है. कबाड़ से जुगाड, स्वच्छता, बागवानी, मोहल्ला क्लास, कमजोर बच्चो के लिए अतरिक्त कक्षा आदि में वे सक्रिय भूमिका का निर्वहन करती हैं.

अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

Visitor No. : 8701246
Site Developed and Hosted by Alok Shukla