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भारत का भूगोल - जलवायु और ऋतुएं

जलवायु

भारत की जलवायु पर यहाँ के स्थलरूपों का स्पष्ट प्रभाव है. हिमालय श्रेणियाँ और हिंदुकुश मिलकर उत्तर से आने वाली ठंढी हवा से भारत रक्षा करते हैं. हालाकि कर्क रेखा भारत के लगभग मध्य से गुजरती है फिर भी यह हिमालय का ही प्रभाव है कि कर्क रेखा के उत्तर का सिन्धु-गंगा का मैदानी भाग भी उष्ण कटिबंधीय जलवायु वाला है. दूसरी ओर थार का मरुस्थल ग्रीष्म ऋतु में तप्त हो कर निम्न वायुदाब केन्द्र के रूप में मानसूनी हवाओं को आकृष्ट करता है जिससे वर्षा होती है. कोपेन के वर्गीकरण में भारत में छह प्रकार की जलवायु मानी गई है. भारत की जलवायु दक्षिण में उष्ण कटिबंधीय है और हिमालयी क्षेत्रों में अधिक ऊँचाई के कारण अल्पाइन (ध्रुवीय जैसी) है. पुर्वोत्तर भारत में जलवायु उष्ण कटिबंधीय नम प्रकार की है और पश्चिमी भागों में शुष्क प्रकार की. कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार भारत में निम्नलिखित छह प्रकार के जलवायु प्रदेश पाए जाते हैं:

  1. अल्पाइन
  2. आर्द्र उपोष्ण
  3. उष्णकटिबंधीय नम और शुष्क
  4. उष्णकटिबंधीय नम
  5. अर्धशुष्क
  6. मरुस्थलीय

ऋतुएं

परंपरागत रूप से भारत में छह ऋतुएँ मानी जाती रहीं हैं परन्तु भारतीय मौसमविज्ञान विभाग चार ऋतुओं का वर्णन करता है जिन्हें हम उनके परंपरागत नामों से तुलनात्मक रूप में निम्नवत लिख सकते हैं:

  1. शीत ऋतु (Winters)- दिसंबर से मार्च तक, जिसमें दिसंबर और जनवरी सबसे ठंढे महीने होते हैं. उत्तरी भारत में औसत तापमान १० से १५ डिग्री सेल्सियस होता है.
  2. ग्रीष्म ऋतु (Summers or Pre-monsoon) - अप्रैल से जून तक जिसमें मई सबसे गर्म महीना होता है, औसत तापमान ३२ से ४० डिग्री सेल्सियस होता है.
  3. वर्षा ऋतु (Monsoon or Rainy) - जुलाई से सितम्बर तक, जिसमें सार्वाधिक वर्षा अगस्त महीने में होती है. मानसून का आगमन और लौटना दोनों क्रमिक रूप से होते हैं और अलग अलग स्थानों पर इनका समय अलग अलग होता है. सामान्यतः १ जून को केरल तट पर मानसून के आगमन तारीख होती है. इसके ठीक बाद यह पूर्वोत्तर भारत में पहुँचता है और क्रमशः पूर्व से पश्चिम तथा दक्षिण से उत्तर की ओर गतिशील होता है. इलाहाबाद में मानसून के पहुँचने की तिथि १८ जून मानी जाती है और दिल्ली में २९ जून.
  4. शरद ऋतु (Post-monsoon or Autumn)- उत्तरी भारत में अक्टूबर और नवंबर माह में मौसम साफ़ और शांत रहता है और अक्टूबर में मानसून लौटना शुरू हो जाता है जिससे तमिलनाडु के तट पर लौटते मानसून से वर्षा होती है.

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