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अल्पसंख्यक कल्याण

  1. भारत सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय वर्ष 2006 में बनाया गया था.
  2. भारत में मुस्लिम, सिख, इसाई, बौध्द, पारसी और जैन अल्प संख्यक माने जाते हैं.
  3. जैनों को 2014 में अल्प्संख्यक अधिसूचित किया गया था.
  4. अल्पसंख्यकों की जनसंख्या -
    1. मुस्लिम – छत्तीसगढ़ में 5,14,998 (2.01%) भारत में 14.2%
    2. इसाई – छत्तीसगढ़ में 4,90,542 (1.92%) भारत में 2.3%
    3. सिख – छत्तीसगढ़ में 70036 (0.27%) भारत में 1.7%
    4. बौध्दि – छत्तीसगढ़ में 70467 (0.27%) भारत में 0.7%
    5. जैन – छत्तीसगढ़ में 61510 (0.2%) भारत में 0.24%
    6. छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या रायपुर, बिलासपुर दुर्ग तथा सरगुजा मे हैं तथा सर्वाधिक इसाई जनसंख्या जशपुर मे है.

अल्पसंख्यकों के संबंध में संवैधानिक प्रावधान

संविधान में अल्प्संख्यक शब्द को कहीं पर भी परिभाषित नहीं किया गया है परन्तु इस शब्द का उपयोग अनेक अनुच्छेदों में किया गया है –

  1. अनुच्छेद 25 – अंत:करण की धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता (1) लोक व्यवस्था सदाचार और स्वास्‍थ्‍य तथा इस भाग के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए, सभी व्यक्तियों को अंत:करण की स्वतंत्रता का और धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने का समान हक होगा.

    (2) इस अनुच्छेद की कोई बात किसी ऐसी विद्यमान विधि के प्रवर्तन पर प्रभाव नहीं डालेगी या राज्य को कोई ऐसी विधि बनाने से निवारित नहीं करेगी जो –

    (क) धार्मिक आचरण से संबध्द किसी आर्थिक, वित्तीय, राजनीतिक या अन्य लौकिक क्रियाकलाप का विनियमन या निर्बधन करती है;
    (ख) सामाजिक कल्याण और सुधार के लिये या सार्वजनिक प्रकार की हिन्दुओं की धार्मिक संस्थाओं को हिन्दुओं के सभी वर्गों और अनुभागों के लिये खोलने का उपबंध करती है.

    स्पष्टीकरण 1 – कृपाण धारण करना और लेकर चलना सिक्खो धर्म मानने का अंग समझा जायेगा.

    स्पष्टीकरण 2 – खंड (2) उपखंड (ख) में हिन्दुओं के प्रति निर्देश का यह अर्थ लगाया जायेगा कि उसके अंर्तगत सिक्ख, जैन या बौध्द धर्म मानने वाले व्यक्त्यिों के प्रति निर्देश है और हिन्दुओं की धार्मिक संस्थाओं के प्रति निर्देश का अर्थ तदनुसार लगाया जायेगा.
  2. अनुच्छेद 26 – धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता लोक व्यवस्था सदाचार और स्वास्‍थ्‍य के अधीन रहते हुए प्रत्येक धार्मिक संप्रदाय या उसके किसी अनुभाग को –

    (क) धार्मिक और पूर्त प्रयोजनो के लिये संस्थाओं की स्था‍पना और पोषण का,
    (ख) अपने धर्म विषयक कार्यों का प्रबंध करने का,
    (ग) जंगम और स्थावर संपत्ति के अर्जन और स्वामित्व का, और
    (घ) ऐसी संपत्ति का विधि के अनुसार प्रशासन करने का,
    (ङ) अधि‍कार होगा.
  3. अनुच्छेद 27 – किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृध्दि के लिये करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता किसी भी व्यक्ति को ऐसे करों का संदाय करने के लिये बाध्य नहीं किया जाएगा जिनके आगम किसी विशिष्ट धर्म या धार्मिक संप्रदाय की अभिवृध्दि या पोषण में व्यय करने के लिये विनिर्दिष्ट रूप से विनियोजित किए जाते हैं.
  4. अनुच्छेद 28 – कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धर्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता (1) राज्य निधि से पूर्णत: पोषित किसी शिक्षा संस्था में कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी.

    (2) खंड (1) की कोई बात ऐसी शिक्षा संस्था को लागू नही होगी जिसका प्रशासन राज्य करता है किंतु जो किसी ऐसे विन्यास या न्यास के अधीन स्थाापित ह़ई है जिसके अनुसार उस संस्था में धार्मिक शिक्षा देना आवश्यक है.

    (3) राज्य से मान्यता प्राप्त या राज्य निधि से सहायता पाने वाली शिक्षा संस्थान में उपस्थित होने वाले किसी व्यक्ति को ऐसी संस्था में दी जाने वाली धार्मिक शिक्षा में भाग लेने के लिए या ऐसी संस्था में या उससे संलग्न स्थान में की जाने वाली धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के लिए तब तक बाध्य नहीं किया जाएगा जब तक कि उस व्यक्ति ने, या यदि वह अवयस्क हो तो उसके संरक्षक ने, इसके लिए अपनी सहमति नहीं दे दी है.
  5. अनुच्छेद 29 – अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण (1) भारत के राज्य क्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी नागरिक के किसी अनुभाग को, जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है, उसे बनाए रखने का अधिकार होगा.

    (2) राज्य व्दारा पोषित या राज्य निधि से सहायता पाने वाली किसी शिक्षा संस्था में प्रवेश से किसी नागरिक को केवल धर्म, मूलवंश, जाति, भाषा या इनमें से किसी के आधार पर वंचित नहीं किर जाएगा.
  6. अनुच्छेद 30 – शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार(1) धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी रुचि की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा.

    (1क) खंड (1) में निर्दिष्ट किसी अल्पसंख्यक वर्ग व्दारा स्थापित और प्रशासित शिक्षा संस्था की संपत्ति के अनिवार्य अर्जन के लिए उपबंध करने वाली विधि बनाते समय, राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसी संपत्ति के अर्जन के लिए ऐसी विधि व्दारा नियत या उसके अधीन अवधारित रकम इतनी हो कि उस खंड के अधीन प्रत्याभूत अधिकार निर्बंधित या निराकृत न हो जाए.

    (2) शिक्षा संस्थाओं को सहायता देने मे राज्य किसी शिक्षा संस्था के विरुध्द इस आधार पर विभेद नही करेगा कि वह धर्म या भाषा पर आधारित किसी अल्पसंख्यक वर्ग के प्रबंध में है.
  7. अनुच्छेद 350 – व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन मे प्रयोग की जाने वाली भाषा प्रत्येक व्याक्त किसी व्यथा के निवारण के लिए संघ या राज्य के किसी अधिकारी या प्राधिकारी को, यथास्थिति संघ या राज्य में प्रयोग होने वाली किसी भाषा में अभ्यावेदन देने का हकदार होगा.
  8. अनुच्छेद 350 क – प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएं प्रत्येक राज्य और राज्य के भीतर प्रत्येक स्थानीय प्रधिकारी भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के बालकों को शिक्षा के प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की पर्याप्त सुविधाओं की व्यवस्था करने का प्रयास करेगा और राष्ट्रपति किसी राज्य को ऐसे निदेश दे सकेगा तो वह ऐसी सुविधाओं का उपबंध सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक या उचित समझता है.
  9. अनुच्छेद 350 ख – भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिए विशेष अधिकारी (1) भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के लिए एक विशेष अधिकारी होगा जिसे राष्ट्रपति नियुक्त करेगा.

    (2) विशेष अधि‍कारी का यह कर्तव्य होगा कि वह इस संविधान के अधीन भषाई अल्प संख्यक वर्गों के लिए उपबंधित सभी रक्षोपायों से संबंधित सभी विषयों का अन्वेषण करे और उन विषयों के संबंध में ऐसे अंतराल पर जो राष्ट्रपति विनिर्दिष्ट करे, राष्ट्रपति को प्रतिवेदन दे और राष्ट्रपति ऐसे सभी प्रतिवेदनो को संसंद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखवाएगा और संबंधित राज्यों की सरकारों को भिजवाएगा.
  10. छत्तीसगढ़ में अल्पसंख्यकों से संबंधि‍त संस्थाएं

    1. राज्य हज कमेटी इसका कार्य हज यात्रियों की सम्पूर्ण व्यवस्था करना है.
    2. राज्य वक्फ बोर्ड मस्जिद, मदरसा, कब्रिस्तान, दरगाह आदि की देखरेख इसका मुख्य कार्य है. इसके अध्‍यक्ष श्री सलीम अशरफी हैं. इसका गठन केन्द्रीय वक्फ‍ बोर्ड अधि‍नियम के अंतर्गत किया गया है.
    3. राज्य उर्दू अकादमी इसका गठन वर्ष 2003 में किया गया था. उर्दू भाषा, उर्दू तालीम एवं उर्दू साहित्य के प्रोत्साहन और संरक्षण के लिये कार्य करना इसका उद्देश्य है. इसके अध्यक्ष अकरम कुरैशी हैं.
    4. छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड इसका उद्देश्य मदरसों में शिक्षा का उचित प्रबंध एवं आधुनिकीकरण है. इसके अध्यक्ष मिर्जा एजाज बेग हैं.
    5. छत्तीसगढ अल्पसंख्यक आयोगछत्तीसगढ़ शासन, आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक/डी-1932/ 2717/आजाक/2001 दिनांक 12-7-2001 द्वारा अध्यक्ष सहित 3 सदस्यीय छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया है. इसके अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह कैम्बो हैं तथा तौकीर रज़ा एवं प्रबोध मिंज सदस्य हैं. आयोग के कार्य एवं अधिकार निम्नलिखित हैं –
      1. राज्य के अधीन अल्पसंख्यकों के विकास की प्रगति का मूल्यांकन करना.
      2. संविधान में और संसद तथा विधान मण्डल द्वारा अधिनियमित विधियों में उपबंधित रक्षोपायों के कार्य को मानिटर करना.
      3. राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा के लिए रक्षोपायों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें करना.
      4. अल्पसंख्यकों को उनके अधिकारों और रक्षोपायों से वंचित करने के बारें में विनिर्दिष्ट शिकायतों की जांच पड़ताल करना और ऐसे मामलों को राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन समुचित प्राधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करना.
      5. अल्पसंख्यकों के विरूद्ध किसी विभेद के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का अध्ययन करवाना और उनको दूर करने के लिए समुचित एवं व्यवहारिक सिफारिश करना एवं उसका निराकरण करना.
      6. अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विकास से संबंधित विषयों का अध्ययन अनुसंधान और विश्लेषण करना.
      7. किसी अल्पसंख्यक समुदाय के संबंध में ऐसे समुचित अध्युपाय का सुझाव देना जो राज्य सरकार द्वारा किए जाने चाहिए.
      8. अल्पसंख्यकों से संबंधित किसी विषय पर और विशिष्टतया उन कठिनाईयों पर, जिनका उन्हें सामना करना पड़ता है, राज्य सरकार को नियतकालिक या विशेष रिपोर्ट देना.
      9. कोई अन्य विषय जो राज्य सरकार द्वारा उसे निर्दिष्ट किया जाए परंतु यदि आयोग द्वारा की गई कोई सिफारिश राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य से संबंधित किसी मामले पर की गई सिफारिश के विरूद्ध है तो उस दशा में राज्य आयोग द्वारा की गई सिफारिश अभिभावी होगी.
    6. छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ न्यायधिकरण इसमें एक न्यायधीश होते हैं और यह वक्फों से संबंधित विवादों का निपटारा करती है.
    7. राज्य वक्फ सर्वेक्षण इसमे एक सर्वेक्षक की नियुक्ति की गई है. यह राज्य में वक्फों का सर्वेक्षण करती है.

    छत्तीसगढ़ में अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाएं

    1. मल्टीसेक्टोरल डेव्हलपमेंट प्रोग्राम अल्पसंख्यक समुदाय के सर्वागीण विकास के लिए यह कार्यक्रम जशपुर ज़ि‍ले में लागू किया गया है. इसके अंतर्गत अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में असन्तुलन कम करने के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. इसके अध्यक्ष सैयद सैफुद्दीन हैं.
    2. शैक्षणि‍क विकास के लिये छात्रवृत्ति भारत सरकार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक विकास के प्रयासों को प्रोत्साहित करने तथा शिक्षा के लिए पड़ने वाले आर्थिक भार को कम करने के उद्देश्य से कोचिंग तथा प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक एवं मैरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्ति योजनाएं प्रारंभ की गई हैं. छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत राज्य की अल्पसंख्यक जनसंख्यावार लाभान्वितों की संख्या नियत की गई है तथा कुल देय छात्रवृत्तियों का न्यूनतम 30 प्रतिशत छात्राओं को दिए जाने का निर्णय लिया गया है, राज्य में इन योजनाओं का क्रियान्वयन आदिम जाति, अनुसूचित जाति अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है. विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते के माध्यम से किये जाना है अतः आवेदक अथवा आवेदक के साथ संयुक्त बैंक खाता के संबंध में बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की छायाप्रति, पूर्व वर्ष में 50 प्रतिशत से अधिक अंको से उत्तीर्ण कक्षा की अंकसूची अल्पसंख्यक होने का नोटरी की हुई घोषणा, वार्षिक आय का घोषणा पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र अथवा मूल निवास स्थान संबंधी घोषणा पत्र आवेदन के साथ संलग्न किया जाना आवश्यक है.
    3. अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थाओं को अनुदान
    4. नई उड़ान अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिये नि:शुल्क कोचिंग.
    5. नया सवेरा अल्प संख्यक समुदाय के बच्चों में ज्ञान और कौशल विकास की योजना.
    6. पढ़ो परदेश अल्प‍संख्यक समुदाय के बच्चों को विदेश में पढ़ने के लिये सहायता तथा विदेशी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिये कोचिंग.
    7. नई रोशनी अल्पसंख्यक महिलाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास, आत्मविश्वास में वृध्दि तथा सभी स्तरों पर सरकारी तंत्र में, बैंकों में एवं अन्य संस्था‍ओं में संपर्क कराने की जानकारी तथा सहायता उपलब्ध कराना.
    8. साम्प्रदायिक घटनाओं की रोकथाम आयोग ने प्रत्येक जिलें में पुलिस प्रशासन को शान्ति समिति के अतिरिक्त थाना स्तर पर भी ‘‘सहयोग समिति’’ का गठन किया जाये तथा प्रत्येक माह में आवश्यक रूप से इसमे सभी वर्ग के लोगो को सम्मिलित किया जाये जिससे घटनाओं के रोकथाम में आसानी होगी.

    अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्री कार्यक्रम

    1. एकीकृत बाल विकास सेवाओं की समुचित उपलब्धता
    2. विद्यालयीन शिक्षा की उपलब्धता को सुधारना
    3. उर्दू शिक्षण के लिये और अधिक संसाधन
    4. मदरसा शिक्षा आधुनिकीकरण
    5. अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति
    6. मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान के माध्यम से शैक्षिक अधोसंरचना को उन्नत करना
    7. गरीबों के लिए स्वरोजगार एवं मजदूरी रोजगार योजना
    8. तकनीकी शिक्षा के माध्यम से कौशल का उन्नयन
    9. आर्थिक क्रियाकलापों के लिए अभिवृद्धित ऋण सहायता
    10. राज्य एवं केंद्रीय सेवाओं में भर्ती
    11. ग्रामीण आवास योजना में उचित हिस्सेदारी
    12. अल्पसंख्यक समुदायों वाली मलिन (गंदी) बस्तियों की स्थिति में सुधार
    13. सांप्रदायिक घटनाओं की रोकथाम
    14. सांप्रदायिक अपराधों के लिये अभियोजन
    15. सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों का पुनर्वास

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