पहेलियाँ

पहेली

रचनाकार- प्रीतम कुमार साहू

paheli

  1. शिक्षा और संस्कार के दाता.
    बच्चों का है भाग्य विधाता.
    चाक डस्टर से उनका नाता.
    लोगों को जागरूक बनाता.


  2. ऊँचे लंबे पेड़ का फल.
    सब फलों से श्रेष्ठ हैं फल.
    मीठे फल और मीठे जल.
    नहीं हैं इन सा दूजा फल.


  3. तन मन को स्वस्थ बनाता.
    बीमारी को दूर भगाता.
    स्वास्थ्य, निरोग तन उनको भाता.
    धरती का भगवान कहलाता.


  4. वन, उपवन और बाँबी में रहते.
    शिव जी गले में धारण करते.
    जल और थल दोनों में रहते.
    नाग पंचमी में पूजन करते.


उत्तर- (1) शिक्षक (2) नारियल (3) डॉक्टर (4) साँप

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जानव जनऊला

रचनाकार - कन्हैया साहू 'अमित'

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  1. नइ तो आवय येहा हाथ.
    रहिथे फुलुवामन के साथ.
    रिंगी-चिंगी पाखी संग.
    रस पी के इन फिरय मतंग.

  2. भनभन-भनभन करथे खूब.
    फुलवा मा इन जाथे डूब.
    बिरबिट करिया एखर रंग.
    कान करा करथें उतलंग.

  3. रहिथें जुरमिल छाता डार.
    रानी संगे सौ बनिहार.
    चुहक-चुहक रस मैंद सकेल.
    गुरतुर मधुरस ठेलम-ठेल.

  4. चीं चीं चीं चहकैं चिरबोर.
    रुखराई, घर, अँगना खोर.
    पंख पसारै फुर्र उड़ाय.
    सबके मन ला नँगते भाय.

  5. बहुते खबड़ा खाँवे खाँव.
    बोल उराठिल काँवे काँव.
    करिया-करिया एखर रंग.
    उटपटांग उज्जट उतलंग.

  6. बइठे रहिथे आमाडार.
    कुलकै भारी कुहकी पार.
    जब बसंत के आवय बेर.
    तब तो बहुते पारय टेर.

  7. हरियर पाँखी लाली चोंच.
    समझदार कस एखर सोंच.
    मिरचा देखत जावय डोल.
    तपत कुरू के बोलय बोल.

  8. पींयर खैरा भुरवा रंग.
    राखय मनखे अपने संग.
    मिट्ठू के होथे लगवार.
    नाँव बतावव एखर यार.

  9. घपटे देख घटा घनघोर.
    नाचय नँगते मया चिभोर.
    पंछी के राजा कहलाय.
    अपने पँउरी देख लजाय.

  10. सादा करिया भुरुवा रंग.
    खेलँय खावँय मनखे संग.
    पहिली इन चिट्ठी पहुँचाय.
    गजब गुटरगूँ बोल सुहाय.

उत्तर- 1. तितली, 2. भौंरा, 3. मछेर, 4. बाम्हन चिरई, 5. कौआ, 6. कोइली, 7. मिट्ठू, 8. मैना, 9. मँजूर, 10. परेवा

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बाल पहेलियाँ

रचनाकार- डॉ.कमलेंद्र कुमार

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  1. ऐसा तरल निराला हूँ,
    प्यास बुझाने वाला हूँ.
    मेरा कोई रूप नहीं हैं,
    मेरी कोई गंध नहीं है.
    स्वाद मेरा ढूढ़ ना पाओ,
    झट से मेरा नाम बताओ.

  2. हरे पौधे बड़े निराले,
    हमें ऑक्सीजन देने वाले.
    अपना भोजन स्वयं बनाएँ,
    झट बतलाओ क्या कहलाएँ?

  3. तीन अक्षर ऐसे आएँ,
    मिल आकृति एक बनाएँ.
    उद्भव मेरा सब कोई जानें
    अंत मेरा पर कोई ना जाने.

  4. मुझको कोई नाप ना पाये,
    दोनों ओर से बढ़ती जाऊँ.
    एक आकृति मुझको समझो,
    झट बतलाओ क्या कहलाऊँ.

  5. चार अक्षर ऐसे हैं आते,
    रेखा का भाग कहलाते.
    बोलो बच्चो उसका नाम,
    झट बतलाओ उसके काम.

  6. तीन अक्षर का विषय निराला,
    नाम बताओ प्यारे लाला.
    सुनकर बच्चे चकराएँ,
    लेकिन रोचकता भी पाएँ.

उत्तर- 1. जल, 2. स्वपोषी पौधे, 3. किरण, 4. रेखा, 5. रेखाखण्ड, 6. गणित

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